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उत्तराखंड चारधाम यात्रा के लिए फिर शुरू हुई हवाई सेवा, हादसे के बाद बंद थी हेलीकॉप्टर उड़ानें

उत्तराखंड चारधाम यात्रा के लिए फिर शुरू हुई हवाई सेवा, हादसे के बाद बंद थी हेलीकॉप्टर उड़ानें

केदारनाथ धाम में हाल ही में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना के बाद अस्थायी रूप से रोकी गई चारधाम हेलिकॉप्टर सेवा को एक बार फिर से मंगलवार से शुरू किया जा रहा है। सरकार ने इस बार सेवा की बहाली के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।

देहरादून: उत्तराखंड के चारधाम यात्रा के लिए हवाई सेवा एक बार फिर मंगलवार से शुरू होने जा रही है। 15 जून को केदारनाथ धाम के पास हुए हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद एहतियातन रोकी गई हेली सेवा अब नए सुरक्षा मानकों और सख्त दिशा-निर्देशों के साथ बहाल की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अब हेलिकॉप्टर संचालन को लेकर नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार की जा रही है, जिसमें उड़ानों की तकनीकी जांच, मौसम पूर्वानुमान और पूर्व दुर्घटनाओं की समीक्षा को अनिवार्य बनाया गया है।

हादसे के बाद रोकी गई थी हेली सेवा

गौरतलब है कि 15 जून 2025 को केदारनाथ धाम के पास एक हेलिकॉप्टर आपदा का शिकार हो गया था। इस हादसे ने चारधाम यात्रा के हवाई मार्ग पर सवाल खड़े कर दिए थे। हालांकि किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली, लेकिन इससे पहले भी उत्तराखंड में कई हेलिकॉप्टर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कई लोगों की जान गई है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने सेवा को तुरंत स्थगित कर दिया था और पुनः संचालन से पहले सभी सुरक्षा मानकों की समीक्षा का आदेश दिया था।

सीएम धामी के निर्देश: सुरक्षा में कोई समझौता नहीं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेली सेवाओं को बहाल करने से पहले अधिकारियों को सख्त आदेश दिए हैं। उनके अनुसार, हेलिकॉप्टर संचालन तीर्थाटन के साथ-साथ आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। ऐसे में इसमें सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। एक भी चूक राज्य की छवि और श्रद्धालुओं की जान को खतरे में डाल सकती है।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाए जो हेलिकॉप्टर सेवाओं के हर तकनीकी और सुरक्षा पहलू की गहन समीक्षा कर एक मानकीकृत SOP तैयार करे। यह SOP हर उड़ान से पहले लागू की जाएगी, जिससे हेली सेवाओं का संचालन पारदर्शी, जवाबदेह और सुरक्षित हो सके।

समिति करेगी हालिया हादसे की भी जांच

पूर्व में बनी उच्च स्तरीय हेलिकॉप्टर क्रैश जांच समिति को अब हाल ही में हुए केदारनाथ दुर्घटना की भी विस्तृत जांच का जिम्मा सौंपा गया है। यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि क्रैश के कारण, जिम्मेदार पक्ष और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाने चाहिए। रिपोर्ट के आधार पर ही SOP में आवश्यक संशोधन भी किए जाएंगे।

नई SOP में क्या होगा खास?

नई SOP में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया जा रहा है:

  • उड़ान से पहले हेलिकॉप्टर की पूर्ण तकनीकी जांच अनिवार्य।
  • पायलट की लाइसेंस, स्वास्थ्य रिपोर्ट और उड़ान घंटों का रिकॉर्ड जांचा जाएगा।
  • उड़ान से पहले IMD द्वारा मौसम पूर्वानुमान की पुष्टि।
  • हर उड़ान के बाद रूट मैप और रियल टाइम मॉनिटरिंग रिपोर्ट।
  • उड़ान के दौरान हेलिकॉप्टर में मौजूद यात्रियों का पूरा विवरण डिजिटल रूप से रिकॉर्ड किया जाएगा।
  • हेलीपैडों पर सीसीटीवी निगरानी और इमरजेंसी रेस्क्यू इक्विपमेंट अनिवार्य किया जाएगा।

चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों ने इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही वे सुरक्षा को लेकर चिंतित भी हैं। एक यात्री अजय कुमार ने कहा, हेली सेवा बहुत सुविधाजनक है, लेकिन जब तक सुरक्षा पूरी तरह सुनिश्चित न हो, डर बना रहता है। सरकार की नई SOP से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसा हादसा दोहराया नहीं जाएगा।

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