सिवान में जहरीली शराब का कहर तीसरे दिन भी जारी है। बुधवार रात से लेकर आज सुबह तक चार और लोगों की मौत हो गई है। इस प्रकार, जिले में जहरीली शराब के कारण होने वाली मौतों की संख्या अब 20 हो गई है। कई लोग अपनी आंखों की रोशनी भी खो चुके हैं। पूरे जिले में भय का माहौल व्याप्त है।
Bihar: सिवान में जहरीली शराब के सेवन से जान गंवाने वालों की संख्या बुधवार रात बढ़ती रही और सुबह तक यह सिलसिला जारी रहा। जानकारी के अनुसार, भगवानपुर प्रखंड के सोनधानी गांव में बुधवार रात जहरीली शराब के प्रभाव से 4 लोगों की मौत हो गई। इस तरह से मंगलवार रात से लेकर गुरुवार सुबह तक मौतों का यह सिलसिला जारी है।
20 तक पहुंचा मौत का आंकड़ा
सिवान जिले में अब तक कुल 20 लोगों की मौत की जानकारी प्राप्त हो रही है। तीनों शवों का पोस्टमार्टम गुरुवार की सुबह जिला अस्पताल में किया जा रहा था। वहीं, सदर अस्पताल में इलाजरत लगभग दो दर्जन लोगों को पटना रेफर किया गया है। कई लोगों की तो अस्पताल में ही मौत हो गई।
विशेष जांच टीम करेगी मामले की जांच
सारण और सिवान में जहरीली शराब से हुई मौतों की घटना की जांच और सत्यापन के लिए पुलिस मुख्यालय ने विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है। मद्य निषेध इकाई के अपर पुलिस अधीक्षक एएसपी की अगुवाई में एक विशेष टीम बनाई गई है, जो अब मामले की जांच के लिए सिवान और सारण के संबंधित क्षेत्रों में भेजी जा चुकी है।
जांच टीम वहां पहुंचकर मृतकों के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत करेगी। इस बीच, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के संयुक्त आयुक्त कृष्ण कुमार भी मामले की जांच के लिए सिवान पहुंचे हैं। सुधीर कुमार ने बुधवार को सिवान के सदर अस्पताल में भर्ती घटना के पीड़ित मरीजों से मुलाकात की और उनका हालचाल लिया। उन्होंने जानकारी दी कि अब तक चार मृतकों का पोस्टमार्टम हो चुका है और लगभग 20 लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जिनका इलाज जारी है।
आंखों की रोशनी जाने पर लोग अस्पताल दौड़ने लगे
जिले में जहरीली शराब पीने से बीमार पड़ने वाले लोगों का सदर अस्पताल में आने का सिलसिला बुधवार की देर शाम तक लगातार जारी रहा। बीमार लोगों के परिजन एंबुलेंस और निजी वाहनों के माध्यम से उन्हें सदर अस्पताल लेकर आ रहे थे। पीड़ितों ने बताया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी, इसलिए वे घर पर आराम कर रहे थे। लेकिन जब उन्हें आंखों से दिखाई देना बंद हो गया, तो उन्हें तुरंत अस्पताल लाया गया।
ज्ञात हो कि गांव में प्रशासन ने माइक के माध्यम से लोगों से इलाज कराने की अपील की थी। प्रशासन ने यह जानकारी दी थी कि इलाज कराने पर किसी भी तरह का मुकदमा नहीं होगा। इसके बाद लोग अपने बीमार परिजनों को इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर आ रहे हैं। अस्पताल आने वाले ज्यादातर लोगों को आंखों की रोशनी कम होने की समस्या थी। नाजुक स्थिति में आए मरीजों को बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर किया जा रहा था।
लोगो ने पुलिस पर लगाया आरोप
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पुलिस शराब तस्करों के साथ सेटिंग करके छापेमारी करती है। इसीलिए, शराब तस्कर बेखौफ होकर घर-घर शराब पहुंचाने में लगे हुए हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि पुलिस और उत्पाद विभाग शराब तस्करों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। इसके बावजूद, जिले में शराब बंदी पूरी तरह से प्रभावी नहीं हो पाई है।