Bajrang Punia Profile: पहलवान बजरंग पूनिया सियासी 'दंगल' के लिए तैयार; किस सीट से लड़ेंगे चुनाव? जानिए कुश्ती के मैदान से लेकर सियासी रण तक का सफर

Bajrang Punia Profile: पहलवान बजरंग पूनिया सियासी 'दंगल' के लिए तैयार; किस सीट से लड़ेंगे चुनाव? जानिए कुश्ती के मैदान से लेकर सियासी रण तक का सफर
Last Updated: 07 सितंबर 2024

भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने आज कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया है। पार्टी उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवार के रूप में पेश कर सकती है। कांग्रेस में शामिल होने के दौरान बजरंग पूनिया ने कहा कि हम पार्टी के भीतर मिलकर मेहनत करेंगे और आगे बढ़ेंगे। बता दें ब्रजभूषण के खिलाफ चल रहे आंदोलन में पूनिया सबसे आगे रहे थे।

पंचकूला: भारतीय रेसलर बजरंग पूनिया ने आज नई दिल्ली में विनेश फोगाट के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता और भारतीय कुश्ती के सबसे प्रमुख नामों में से एक, बजरंग अब राजनीति के क्षेत्र में कदम रखने के लिए तैयार हैं। ऐसी खबरें हैं कि कांग्रेस उन्हें हरियाणा विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार के रूप में उतार सकती है। भारतीय कुश्ती के दिग्गजों के इतिहास में बजरंग पूनिया का नाम अग्रणी स्थान पर है। अपने करियर के दौरान, बजरंग ने कई उतार-चढ़ाव देखे। वह फ्रीस्टाइल भार वर्ग में विश्व में नंबर-1 रैंक हासिल करने वाले पहले भारतीय और चार विश्व पदक जीतने वाले पहले पहलवान हैं।

30 वर्षीय बजरंग ने आधिकारिक रूप से यह नहीं कहा है कि वह खेल को छोड़ रहे हैं, लेकिन उनके करियर की दिशा यह स्पष्ट करती है कि अब जनसेवा उनके लिए खेल की तुलना में प्राथमिकता बन गई है। बजरंग की राजनीति में एंट्री की शुरुआत अचानक नहीं हुई है, बल्कि यह कई महीनों पहले से शुरू हो चुकी थी।

बजरंग पूनिया ने बृजभूषण के खिलाफ खोला था मोर्चा

बता दें पिछले वर्ष भाजपा के प्रमुख नेता और तत्कालीन भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ बजरंग पूनिया ने खिलाड़ियों के साथ मिलकर जोरदार आंदोलन किया। इस ऐतिहासिक आंदोलन में उनकी पत्नी संगीता फोगाट भी शामिल रहीं। इस संघर्ष में विनेश फोगाट, साक्षी मलिक सहित कई अन्य खिलाड़ी दिल्ली की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे। वे शरण सिंह द्वारा कथित रूप से परेशान किए गए और डराए गए पहलवानों के लिए न्याय की मांग कर रहे थे।

पहलवान बजरंग पूनिया का करियर

हरियाणा के झज्जर में एक साधारण परिवार में जन्मे और बड़े हुए बजरंग पूनिया सुबह-सुबह बिना किसी को बताए घर से ट्रेनिंग के लिए निकल जाते थे। 14 साल की उम्र में उन्होंने अखाड़े में कदम रखा। उनकी इस लगन और समर्पण ने उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय स्टार बना दिया और अपनी उपलब्धियों के कारण वे खेल के क्षेत्र में सुपरस्टार के रूप में पहचान बनाने में सफल हुए। बजरंग पूनिया हमेशा से मैदान पर सबसे साहसी खिलाड़ी के रूप में जाने जाते हैं। इसी कारण वे तब के भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष की कथित तानाशाही प्रवृत्ति के बारे में चर्चा करते समय परेशान नहीं हुए।

पूनिया को NADA ने किया था निलंबित

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) के कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाते हुए, बजरंग पुनिया ने डोप परीक्षण के लिए सैंपल देने से इनकार कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें निलंबित कर दिया गया। बजरंग का आरोप है कि NADA ने परीक्षण के लिए एक्सपायर हो चुके किट का इस्तेमाल किया था। जब बजरंग अपने साथी पहलवानों विनेश और साक्षी के साथ सड़कों पर उतरे, तब तक वह पहले ही ओलंपिक पदक विजेता बन चुके थे। उन्होंने चार विश्व चैम्पियनशिप पदक, दो एशियाई खेलों में पदक, तीन राष्ट्रमंडल खेलों में और आठ एशियाई चैम्पियनशिप में पदक जीते हैं।

उनके आलोचकों ने उन्हें अवसरवादी करार दिया और संदेह जताया कि क्या बजरंग अपनी राजनीतिक स्थिति के कारण कुश्ती में आगे बढ़ पाएंगे या नहीं। लेकिन अगर वह ऐसा नहीं कर पाएंगे, तब भी बजरंग ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी निरंतर सफलता से साबित कर दिया है कि वे देश के सबसे बेहतरीन एथलीटों में से एक हैं। अब वे एक नए 'दंगल' की तैयारी कर रहे हैं, जहां उनके आक्रामक कदम नहीं, बल्कि समर्थन और वोट उनकी किस्मत का फैसला करेंगे।

बजरंग पूनिया ने कांग्रेस का थामा हाथ

बजरंग पूनिया ने आज कांग्रेस का साथ पकड़ लिया है। इस स्थिति में कांग्रेस उन्हें बादली विधानसभा सीट से टिकट प्रदान कर सकती है। इसके अतिरिक्त, बहादुरगढ़ या भिवानी सीट भी संभावनाओं में शामिल हैं। कांग्रेस की आधिकारिक सूची में यह स्पष्ट हो जाएगा कि बजरंग किस सीट से चुनाव लड़ेंगे।

 

Leave a comment