CCPA Guidelines: कोचिंग सेंटर पर शिकंजा, CCPA ने भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ जारी किए नए दिशा-निर्देश, जानिए क्या है गाइडलाइंस?

CCPA Guidelines: कोचिंग सेंटर पर शिकंजा, CCPA ने भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ जारी किए नए दिशा-निर्देश, जानिए क्या है गाइडलाइंस?
Last Updated: 14 नवंबर 2024

CCPA ने कोचिंग सेंटरों द्वारा किए जाने वाले भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य छात्रों को गुमराह होने से रोकना है, और नियमों का पालन नहीं करने पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।

CCPA Guidelines: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कोचिंग सेंटरों द्वारा प्रकाशित किए जाने वाले भ्रामक और गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों का मुख्य उद्देश्य छात्रों को किसी भी प्रकार के धोखे से बचाना है, जो उन्हें विज्ञापनों के माध्यम से गलत जानकारी या अधूरी जानकारी देकर गुमराह करते हैं। उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

CCPA ने जारी किए नए दिशा-निर्देश

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कोचिंग सेंटरों द्वारा प्रकाशित किए जाने वाले भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य छात्रों को गुमराह करने वाले विज्ञापनों से बचाना है। अगर कोई कोचिंग सेंटर इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

भ्रामक विज्ञापनों पर रोक

नए दिशा-निर्देशों के तहत कोचिंग सेंटरों को अब विज्ञापनों में संकाय योग्यता, पाठ्यक्रम की अवधि, चयन दर, सफलता की कहानियां और परीक्षा रैंकिंग जैसे मामलों में किसी भी तरह के झूठे या भ्रामक दावे करने से रोका जाएगा। इसके अलावा, गारंटी एडमिशन या प्रमोशन जैसे वादों वाले विज्ञापनों पर भी रोक लगा दी गई है।

कोचिंग संस्थानों को सटीक जानकारी देने का निर्देश

कोचिंग संस्थानों को अब अपनी बुनियादी सुविधाओं और संसाधनों के बारे में सटीक जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। उन्हें विज्ञापनों में बढ़ा-चढ़ा कर किसी भी तरह की तारीफ नहीं करनी होगी। छात्रों की सफलता की कहानियों का उपयोग भी केवल तब किया जाएगा जब छात्र की लिखित अनुमति प्राप्त हो।

पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर

विज्ञापनों में पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए कोचिंग संस्थानों को छात्रों की तस्वीर, नाम, रैंक और कोर्स के बारे में पूरी जानकारी बड़े अक्षरों में देने का आदेश दिया गया है। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि सफल छात्रों ने उस कोर्स के लिए कितनी फीस दी थी, ताकि छात्र छोटे प्रिंट से गुमराह हो सकें।

सीटों की कमी और जल्दी दाखिला के दबाव वाले विज्ञापनों पर रोक

कोचिंग सेंटरों को अब छात्रों को कम सीटों और कम समय के दबाव में डालकर दाखिला लेने के लिए उकसाने वाले विज्ञापनों से भी बचना होगा। इस तरह के विज्ञापनों में पूरी पारदर्शिता बरतने का निर्देश दिया गया है।

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से जुड़ने का निर्देश

अब हर कोचिंग सेंटर को राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से जुड़ने का आदेश दिया गया है, जिससे छात्रों को भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के बारे में जानकारी मिल सके और वे शिकायत दर्ज करवा सकें।

दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई

यदि कोई कोचिंग सेंटर इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय प्राधिकरण के पास उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटरों के खिलाफ जुर्माना लगाने, जवाबदेही तय करने और सख्त कार्रवाई करने का अधिकार रहेगा।

पिछले सालों में की गई कार्रवाई

सीसीपीए ने पहले भी कोचिंग सेंटरों के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई की है। पिछले कुछ वर्षों में 45 नोटिस जारी किए गए और 18 कोचिंग संस्थानों पर 54 लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही उन्हें भ्रामक विज्ञापन बंद करने का निर्देश भी दिया गया है।

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