उत्तर प्रदेश के रानीपुर टाइगर रिजर्व में लगी भीषण आग ने पूरे जंगल को अपनी चपेट में ले लिया है। आग अतर सुई पहाड़ से चौपटा पहाड़ तक फैल चुकी है, जिससे जंगल की अनमोल वन संपदा और वन्यजीवों पर बड़ा संकट मंडरा रहा है।
चित्रकूट: चित्रकूट के रानीपुर टाइगर रिजर्व में लगी भीषण आग ने जंगल के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया है। अतर सुई पहाड़ से चौपटा पहाड़ तक फैल चुकी आग से वन संपदा और वन्यजीवों पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। तेज गर्मी और सूखी वनस्पतियों के कारण आग तेजी से बढ़ रही है। वन विभाग की टीमें आग बुझाने में जुटी हैं, लेकिन अब तक स्थिति काबू में नहीं आई है। स्थानीय लोग और पर्यावरणविद जंगल बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
जंगल में हाहाकार, वन्यजीवों का पलायन
आग से जंगल का 1 किमी से अधिक क्षेत्र जलकर खाक हो चुका है। कई पेड़-पौधे राख में तब्दील हो गए हैं, वहीं जंगली जानवर अपने ठिकाने छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने को मजबूर हो गए हैं। आग के कारण पक्षियों के हजारों घोंसले जलकर नष्ट हो गए हैं, जिससे उनके अस्तित्व पर भी संकट मंडराने लगा है।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, "आग के कारण वन्यजीवों को पानी और भोजन की भारी किल्लत हो रही है। तापमान बढ़ने के साथ-साथ स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है।"
वन विभाग पर उठे सवाल
रानीपुर टाइगर रिजर्व में आग की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों ने वन विभाग पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए कहा कि हर साल जंगल में आग लगती है, लेकिन इसे रोकने के लिए ठोस उपाय नहीं किए जाते। वन विभाग ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है, जो जंगल में रहकर आग बुझाने का प्रयास कर रही हैं। इसके अलावा, ड्रोन कैमरों की मदद से आग की स्थिति पर नजर रखने की योजना भी बनाई जा रही है।
गर्मी के साथ बढ़ रहा जंगल में आग का खतरा
गर्मी बढ़ते ही चित्रकूट के जंगलों में आग लगने की घटनाएं आम हो गई हैं। जंगलों में मौजूद सूखी घास और तेज़ हवाएं आग को और भड़काने का काम कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया, तो इससे जंगल का पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ सकता है। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमारी टीमें लगातार आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही हैं। स्थानीय प्रशासन भी हमारी मदद कर रहा है। जल्द ही आग को पूरी तरह से बुझा लिया जाएगा।"
स्थानीय लोग हुए आक्रोशित
स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरणविदों ने सरकार से मांग की है कि जंगलों में आग से निपटने के लिए आधुनिक संसाधनों का उपयोग किया जाए और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूर्व तैयारी की जाए। फिलहाल, रानीपुर टाइगर रिजर्व की आग ने वन्यजीवों और पर्यावरण दोनों को गहरा नुकसान पहुंचाया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस संकट से उबरने के लिए कितनी तेजी से कदम उठाता है।