Delhi: दिल्ली हाई कोर्ट में बृजभूषण द्वारा दायर की याचिका पर सुनवाई, पुलिस और पहलवानों को जारी किया नोटिस, जानें क्या है मामला?

Delhi: दिल्ली हाई कोर्ट में बृजभूषण द्वारा दायर की याचिका पर सुनवाई, पुलिस और पहलवानों को जारी किया नोटिस, जानें क्या है मामला?
Last Updated: 2 घंटा पहले

मई 2024 में दिल्ली की एक अदालत ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोपों को तय किया। छह पहलवानों ने भारतीय जनता पार्टी के नेता बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की एक याचिका पर पुलिस और पहलवानों से जवाब मांगा है। इस याचिका में, बृजभूषण ने कई महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है और उन्होंने इस मामले की शीघ्र सुनवाई की मांग की है।

बृजभूषण ने हाई कोर्ट में की अपील

बृजभूषण ने 13 जनवरी, 2025 को सूचीबद्ध मुख्य याचिका पर प्राथमिक सुनवाई करने का अनुरोध किया है, यह कहते हुए कि निचली अदालत में मामला अभियोजन साक्ष्य पेश करने के चरण में है। जब तक यह याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष आएगी, तब तक अधिकांश गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके होंगे।

पुलिस और पहलवानों को नोटिस जारी

दिल्ली हाई कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह द्वारा दायर याचिका पर पुलिस और पहलवानों को नोटिस जारी किया है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने यह नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता की उस अपील पर विचार किया, जिसमें उन्होंने निचली अदालत में चल रहे आपराधिक मामले को रोकने का अनुरोध किया है। बृजभूषण शरण सिंह ने हाई कोर्ट से आग्रह किया है कि जब तक उनकी याचिका का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक निचली अदालत को इस मामले में आगे की कार्यवाही से रोका जाए।

दिसंबर में होगी अगली सुनवाई

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और पहलवानों से संबंधित याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 16 दिसंबर निर्धारित की है। यह मामला भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों से जुड़ा है।

शुक्रवार को हुई संक्षिप्त सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह के वकील, राजीव मोहन, ने बताया कि निचली अदालत इस मामले की सुनवाई साप्ताहिक आधार पर कर रही है, और पीड़ितों में से एक का बयान पहले ही दर्ज हो चुका है।

निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए याचिका में कहा गया है कि यदि मुकदमा जारी रहता है, तो इससे बृजभूषण शरण सिंह को पूर्वाग्रह और मानसिक पीड़ा होगी। उन्होंने प्राथमिकी रद्द करने के गुण-दोष के आधार पर एक मजबूत मामला होने का दावा किया था।

मई 2023 में दर्ज हुई थी प्राथमिकी

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर पिछले वर्ष कई महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इन आरोपों की जांच की मांग को लेकर कई महीनों तक आंदोलन किया गया। मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

 

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