करोड़ों डॉलर के घोटाला मामले में शामिल नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी के खिलाफ मुंबई कोर्ट में सुनवाई की गई है। इस दौरान कोर्ट ने कहा जांच एजेंसियों उन तीनों व्यवसायों को उचित समय पर गिरफ्तार करने में विफल रहीं हैं।
Mumbai News: मुंबई की एक अदालत में 30 मई को लाखों-करोड़ों डॉलर के घोटालों में शामिल नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी के मामले में सुनवाई हुई। इस लेकर अदालत ने जांच एजेंसियों पर अपना बयान जारी करते हुए कहा कि भगोड़े व्यवसायी नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी देश से भागने में इसलिए सफल रहे क्योंकि जांच एजेंसियां उन्हें सही समय पर गिरफ्तार करने में विफल रहीं।
घोटाला मामले में कोर्ट का बयान
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज एक आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, जिसमें उसने जमानत के लिए शर्त में संशोधन की मांग की थी। ताकि वह अपने व्यवसाय के सिलसिले में विदेश यात्रा कर सके।
मामले पर ED ने कहा
बता दें कि अदालत ने 30 मई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई के दौरान आरोपी व्योमेश शाह की विदेश यात्रा के लिए कोर्ट से पहले अनुमति लेने की जमानत शर्त को हटाने की याचिका स्वीकार कर लिया। इस पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बयान में कहा था कि इनके आवेदन को अनुमति देने से नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी जैसी'' स्थितियां पैदा होंगी।
जांच एजेंसी पर उठाया सवाल
इस घोटाला मामले में जांच एजेंसी के बयान को खारिज करते हुए न्यायाधीश ने कहा, 'हमने इस मामले की सोच-समझकर जांच की। इसमें यहीं सामने आया है कि ये सभी व्यक्ति जांच एजेंसियों की विफलता के कारण देश से भागने में सफल रहे।
दूसरी तरफ, मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी व्योमेश शाह समन का जवाब देते हुए अदालत में पेश हुए, जमानत हासिल की और इसके साथ ही विदेश यात्रा के लिए कई बार आवेदन भी किया।' इसके बाद अदालत ने अपना बयान जारी किया। जिसमें कहा, शाह के मामले की तुलना नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी के मामलों से नहीं की जा सकती।
मामले में नीरव मोदी गिरफ्तार
बताया जा रहा है कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके चाचा मेहुल चोकसी करोड़ों रुपये के PNB घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। फिलहाल वे ब्रिटेन में जेल की सजा काट रहे हैं, जबकि उनके चाचा माल्या एंटीगुआ में रहते हैं। यूके में, 900 करोड़ से अधिक के कथित ऋण धोखाधड़ी मामले में वे आरोपी है, जिसकी जांच ED और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की तरफ से जारी है।