अमेरिका में, एफसीसी (Federal Communications Commission) ने एक राजनीतिक सलाहकार, क्रेमर, पर छह मिलियन डॉलर (लगभग 50 करोड़ भारतीय रुपये) का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई फर्जी रोबोकॉल के लिए की गई है, जिसमें न्यू हैम्पशायर के मतदाताओं को गुमराह किया गया।
America Politics: जब चुनाव का समय आता है, तो प्रत्याशी जीतने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। लेकिन अब यह तकनीक का युग है, जहाँ हर दिन नई-नई तकनीकें सामने आ रही हैं। इनमें से एक तकनीक है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), जो मानव जीवन को सरल भी बना रही है और कभी-कभी जटिल भी। वर्तमान में, एआई का उपयोग चुनावी प्रक्रिया में भी शुरू हो गया है।
एफसीसी ने जड़ा 50 लाख का जुर्माना
अमेरिका में एक और चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां एफसीसी (Federal Communications Commission) ने एक राजनीतिक सलाहकार पर छह मिलियन डॉलर (लगभग 50 करोड़ भारतीय रुपये) का जुर्माना लगाया है। इस मामले में, राजनीतिक सलाहकार क्रेमर ने फर्जी रोबोकॉल करने के लिए डीपफेक तकनीक का उपयोग किया, जिसमें उन्होंने जो बाइडन की आवाज़ की नकल की। यह कॉल मतदाताओं को गुमराह करने के उद्देश्य से की गई थी।
आरोपी के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई
अमेरिकी संघीय संचार आयोग (FCC) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राजनीतिक सलाहकार स्टीव क्रेमर पर छह मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया है। एफसीसी की जांच में यह सामने आया कि क्रेमर ने एआई-जनरेटेड वॉयस-क्लोनिंग और कॉलर आईडी स्पूफिंग जैसी तकनीकों का उपयोग करके चुनावी गलत सूचना फैलाई। इस प्रक्रिया में, मतदाताओं को गुमराह करने के लिए डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिसमें जो बाइडन की आवाज की नकल की गई थी।
एफसीसी ने स्पष्ट रूप से कहा कि क्रेमर का यह कदम कॉलर आईडी अधिनियम के तहत सच्चाई और पारदर्शिता के नियमों का उल्लंघन करता है। इसके तहत, क्रेमर को 30 दिनों के भीतर जुर्माने का भुगतान करना होगा। यदि वह ऐसा करने में विफल रहता है, तो यह मामला अमेरिकी न्याय विभाग के पास भेज दिया जाएगा, जो इसके आगे की कानूनी कार्रवाई करेगा।
क्या था मामला?
इस फर्जी रोबोकॉल स्कैंडल में, राजनीतिक सलाहकार स्टीव क्रेमर ने राष्ट्रपति जो बाइडन की एआई-जनरेटेड आवाज का इस्तेमाल करके न्यू हैम्पशायर के मतदाताओं को भ्रमित करने की कोशिश की। इन कॉल्स में मतदाताओं से कहा गया कि उन्हें राज्य के डेमोक्रेटिक प्राइमरी में मतदान करने की आवश्यकता नहीं है और उनका वोट नवंबर के आम चुनाव में मायने रखेगा। इस तरह की कॉल्स से ऐसा प्रतीत होता था कि जैसे राष्ट्रपति जो बाइडन खुद ये संदेश दे रहे हों, जिससे मतदाता धोखे में आ सकते थे। एफसीसी ने इस कार्रवाई को चुनावी प्रक्रिया को गुमराह करने और गलत सूचना फैलाने की गंभीर कोशिश के रूप में देखा।
फर्जी रोबोकॉल्स में वोटर्स को दिया झूठा सुझाव
अमेरिका के न्यू हैम्पशायर राज्य में स्टीवन क्रेमर द्वारा की गई फर्जी रोबोकॉल्स में मतदाताओं को झूठा सुझाव दिया जा रहा था कि वे प्राइमरी चुनाव में मतदान करने के बजाय अपने वोट को नवंबर के आम चुनाव के लिए बचा कर रखें, क्योंकि उनका वोट उस समय अधिक मायने रखेगा। यह संदेश पूरी तरह से गलत था और चुनावी प्रक्रिया को गुमराह करने के उद्देश्य से फैलाया गया था।
स्टीवन क्रेमर ने शुरुआत में जो बाइडन के चुनावी चुनौतीकर्ता डीन फिलिप्स के लिए काम किया था, हालांकि फिलिप्स ने इन फर्जी कॉल्स की निंदा की है। 22 जनवरी, 2024 को जब न्यू हैम्पशायर के हजारों निवासियों को इस तरह के फर्जी रोबोकॉल मिले, तब इस घटना की जांच शुरू की गई। एफसीसी ने इसे चुनावी प्रक्रिया में गलत सूचना फैलाने और मतदाताओं को गुमराह करने का प्रयास माना, और इस पर सख्त कार्रवाई की।