तुर्की ने छोड़ा विरोध तो स्वीडन के लिए हुआ रास्ता साफ़, जानिए स्वीडन को क्या होगा फायदा?:अपनी कुल GDP का लगभग 1.3 प्रतिशत हिस्सा रक्षा के क्षेत्र में खर्च

तुर्की ने छोड़ा विरोध तो स्वीडन के लिए हुआ रास्ता साफ़, जानिए स्वीडन को क्या होगा फायदा?:अपनी कुल GDP का लगभग 1.3 प्रतिशत हिस्सा रक्षा के क्षेत्र में खर्च
Last Updated: 06 अगस्त 2023

जब से तुर्की ने विरोध करना छोड़ दिया हैं तो स्वीडन के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी हैं क्योंकि उसके नाटो में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है।

स्वीडन और फिनलैंड ने पिछले साल हुए यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रामक युद्ध के जवाब में नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। जिसके बाद फिनलैंड तो पहले ही इस गठबंधन में शामिल हो गया हैं लेकिन तुर्की और हंगरी ने स्वीडन के इस आवेदन को अपने वीटो पावर के मदद से स्केंडेनेवियन देशो को शामिल होने से रोके है। हालांकि, इस हफ्ते की शुरुआत में तुर्की के राष्ट्रपति ने कई महीनों से जारी अपने प्रतिरोध के बाद इस विरोध को वापस ले लिया। 

 

स्वीडन के लिए सबसे बड़ा फायदा क्या होगा?

स्वीडन और नाटो कई मायनों में एक साथ मिलजुलकर काम करते हैं। हालाँकि, नाटो की सदस्यता स्वीडन की स्थिति में बदलाव ला सकती हैं की जल्द ही बदलाव लेकर भी आएगी। उन्होंने कहा कि एक या अधिक देशों के खिलाफ कोई भी सशस्त्र हमला सभी नाटो में शामिल देशों के खिलाफ किये हमले के समान माना जाएगा। ऐसे में सभी नाटो में शामिल देशों का यह अहम कर्तव्य होगा कि वे किसी भी देश पर होने वाले हमले का विरोध करें और मदद के लिए आगे आएं। 

 

नाटो आखिर इससे क्या हासिल करेगा?

स्वीडन की सदस्यता रूसी तट और बाहरी कलिनिनग्राद क्षेत्र को छोड़कर पूरे बाल्टिक क्षेत्र को नाटो क्षेत्र बना देगी। इससे रूसी आक्रमण की स्थिति में बाल्टिक राज्यों की सुरक्षा और अधिक आसान हो जाएगी। सैनिकों और उपकरणों को स्वीडन से एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया जैसे देशों में जहाज द्वारा शीघ्रता से पहुँचाया जा सकता था। गोटलैंड द्वीप भौगोलिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

स्वीडन अपनी कुल GDP का लगभग 1.3 प्रतिशत हिस्सा रक्षा के क्षेत्र में खर्च कर देता हैं हालांकि हमें इसे खर्चे के तौर पर न देखके ऐसे देखना चाहिए की जो देश अपनी जीडीपी का इतना हिस्सा केवल रक्षा के क्षेत्र को बेहतर करने के लिए करता हैं वह देश कितना आगे जायेगा और कितना शक्तिशाली बनेगा। 

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