चुनावी नतीजों के बाद शासन में आई पंजाब की मान सरकार ने लोगों को बड़ा झटका दिया है। ऐसे में पंजाब की भगवंत मान सरकार ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी की है। जो ये नई दरें सरकार के आदेशानुसार 16 जून से लागू की जाएंगी।
चंडीगढ़ News: पंजाब में नई सरकार के आदेश पर राज्य बिजली विभाग ने बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी कर दी है। इससे उपभोक्ताओं पर 654 करोड़ रुपये का अधिक भार बढ़ गया है। बता दें कि, पंजाब में एक माह में 300 यूनिट फ्री बिजली होने से पंजाब सरकार पर बोझ पड़ने लगा है। इसी दौरान बढ़ाई गई दर 1 अप्रैल से लागू मानी जाएगी। यानी कि आम लोगों से पुराना बकाया भी वसूला जाएगा।
नई दरें 16 जून से लागू
बता दें कि पंजाब सरकार ने चुनावी नतीजे के बाद बिजली दरों में बढ़ोतरी कर दी है। ऐसे में नई दरें 16 जून से लागू कर दी जाएंगी। इन दरों के अनुसार, 7 किलोवाट तक के घरेलू खपतकारों को 300 यूनिट से अधिक बिजली खपत करने पर प्रति यूनिट की दर से 10 से 12 पैसों का ज्यादा भुगतान करना होगा। वहीं, 7 से 100 किलोवाट तक बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
600 करोड़ की बढ़ेगी लागत
subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार, इसी दौरान कृषि क्षेत्र में प्रयोग होने वाली बिजली भी मुफ्त में किसानों को दी जाती है। बीते वित्तीय वर्ष में पंजाब सरकार बिजली सब्सिडी पर 20,200 करोड़ रुपये निर्वाह कर रही थी। ऐसे में बिजली दर बढ़ने से बिजली सब्सिडी का बोझ भी ओर अधिक बढ़ेगा। बताया जा रहा है कि बढ़ी दर से पॉवरकॉम को 654 करोड़ रुपये अधिक मिलने की संभावना है। इससे पंजाब सरकार पर 600 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ सकता है।
कई सेक्टरों में हुई वृद्धि
बता दें कि इंडस्ट्री सेक्टर द्वारा पंजाब सरकार को 1900 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाती है। ऐसे में कमीशन ने इंडस्ट्री सेक्टर को दी जाने वाली बिजली में 15 पैसे की वृद्धि कर दी है। उसी के साथ बर्फ फैक्ट्री और कोल्ड स्टोरेज जैसी इंडस्ट्री के दरों में भी 10 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
बताया गया कि एग्रीकल्चर पम्प सेट को पूर्ति कराये जाने वाली बिजली में भी 15 पैसे की वृद्धि हो चुकी है। इस वृद्धि से भी कृषि सब्सिडी का बोझ ओर अधिक बढ़ेगा। वहीं, बता दें कि हरमिंदर साहिब और दुर्ग्याना मंदिर को आपूर्ति कराई जाने वाली बिजली में कोई वृद्धि नहीं की गई है।