Success Story: महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान के बाद चर्चा में आए DM विजय किरण आनंद, जानें अफसर बनने के बाद का सफर

Success Story: महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान के बाद चर्चा में आए DM विजय किरण आनंद, जानें अफसर बनने के बाद का सफर
अंतिम अपडेट: 2 घंटा पहले

Success Story: महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान के दौरान मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में एक बड़ी भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं। इस घटना के बाद प्रशासन के कार्यों और अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठने लगे। खासकर, महाकुंभ के आयोजन को लेकर चर्चा में आए अधिकारी में से एक हैं, डीएम विजय किरण आनंद। इसके बाद से यह सवाल उठने लगा कि ये अधिकारी कौन हैं, और उन्होंने प्रशासनिक मोर्चे पर क्या खास काम किए हैं। आज हम बात करेंगे आईएएस विजय किरण आनंद की सक्सेस स्टोरी के बारे में, जो न सिर्फ एक प्रभावशाली अफसर हैं, बल्कि अपने कार्यों से प्रशासनिक क्षेत्र में एक मिसाल भी पेश कर रहे हैं।

आईएएस बनने से पहले थे चार्टर्ड अकाउंटेंट

विजय किरण आनंद की सफलता की कहानी कुछ खास है। वह बेंगलुरु में जन्मे थे और उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की डिग्री प्राप्त की थी। लेकिन इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में अपना करियर बनाने का फैसला किया। वह उत्तर प्रदेश कैडर के 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। विजय किरण आनंद ने अपनी मेहनत और लगन से अपनी अलग पहचान बनाई है, खासकर तब जब उन्होंने प्रशासनिक कार्यों में सुधार की दिशा में काम किया हैं।

प्रशासनिक सफर की शुरुआत और शानदार कार्य

विजय किरण आनंद ने अपनी प्रशासनिक यात्रा की शुरुआत बागपत, उत्तर प्रदेश में उप-जिला मजिस्ट्रेट (SDM) के रूप में की थी। यहां उन्होंने दो साल तक कार्य किया और प्रशासनिक क्षेत्र में अनुभव हासिल किया। इसके बाद, उन्होंने बाराबंकी जिले में मुख्य विकास अधिकारी (CDO) के रूप में कार्य किया, जहां वह ग्रामीण विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार और कल्याण योजनाओं पर जोर देते हुए सुधारात्मक कार्यों में सक्रिय रहे।

DM के रूप में कई जिलों में किया काम

विजय किरण आनंद ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जिला मजिस्ट्रेट (DM) के रूप में कार्य किया। उन्होंने मैनपुरी, उन्नाव, फिरोजाबाद, वाराणसी, शाहजहांपुर और गोरखपुर जैसे जिलों में प्रशासन की जिम्मेदारी संभाली। इन जिलों में रहते हुए, उन्होंने नागरिक समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने, प्रशासनिक कार्यों को प्रभावी ढंग से लागू करने और नागरिकों के लिए बेहतर योजनाओं का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गोरखपुर जिले में उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई सुधार योजनाओं की शुरुआत की, जिससे वहां के प्रशासन में बदलाव आया और आम लोगों को इसका लाभ मिला।

धार्मिक आयोजनों में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

विजय किरण आनंद ने अपने करियर में कई धार्मिक आयोजनों की जिम्मेदारी संभाली है। 2017 में माघ मेला के आयोजन में उनकी भूमिका की सराहना की गई थी, जहां उन्होंने प्लानिंग और मैनेजमेंट के जरिए आयोजन को सफल बनाया। 2019 में अर्ध कुंभ मेला के आयोजन में भी उन्होंने अहम योगदान दिया और इसके बाद, अब 2025 के महाकुंभ मेला आयोजन के लिए उन्हें मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है। उनकी योजना और कार्यप्रणाली की वजह से, महाकुंभ आयोजन में किसी भी प्रकार की समस्या की संभावना कम हैं।

प्रधानमंत्री मोदी से प्राप्त सम्मान

विजय किरण आनंद के कार्यों को सरकार और समाज ने कई बार सराहा है। 2020 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सार्वजनिक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा, उन्होंने नागरिक सेवा दिवस पर विजय किरण आनंद को ममेंटो और सर्टिफिकेट देकर उनकी कड़ी मेहनत और योगदान को मान्यता दी।

शिक्षा क्षेत्र में योगदान

विजय किरण आनंद ने शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक, बेसिक शिक्षा में विशेष सचिव और स्कूल शिक्षा के निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं। उनके प्रयासों से, स्कूलों में पोषण स्तर में सुधार हुआ और शिक्षा के परिणामों में सकारात्मक बदलाव आया।

एक मिसाल के रूप में विजय किरण आनंद

विजय किरण आनंद की सफलता की कहानी यह साबित करती है कि अगर किसी में इच्छाशक्ति, समर्पण और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता हो, तो कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है। प्रशासनिक क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए सुधार और कार्य, न सिर्फ आम लोगों के लिए लाभकारी रहे, बल्कि उन्होंने अपनी एक मिसाल कायम की है। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में उनकी भूमिका ने यह साबित कर दिया कि वह न केवल एक सक्षम अधिकारी हैं, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाते हैं।

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