Ayodhya Deepotsav: रामलला के समक्ष केवल फूलों की रंगोली, नहीं होगा रंगों का उपयोग, 100 से अधिक कलाकार सजाएंगे बागीचे

Ayodhya Deepotsav: रामलला के समक्ष केवल फूलों की रंगोली, नहीं होगा रंगों का उपयोग, 100 से अधिक कलाकार सजाएंगे बागीचे
Last Updated: 29 अक्टूबर 2024

Ayodhya Deepotsav 2024: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद मनाई जाएगी पहली दीपावली, रंगों के बिना फूलों से सजेगी रंगोली। मंदिर के पांच मंडपों में विशेष पुष्पों की रंगोली के साथ स्वस्तिक का भी रहेगा विशेष स्थान।

अयोध्या: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहली बार दीपावली का उत्सव मनाया जाएगा। इस बार मंदिर में विशिष्ट दीप जलाए जाएंगे, और रंगोली में रंगों का उपयोग नहीं किया जाएगा। सभी पांच मंडपोंनृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा (गूढ़) मंडप, प्रार्थना मंडप, और कीर्तन मंडपमें विशेष प्रकार के पुष्पों की रंगोली सजाई जाएगी, जिसमें रामलला के सामने स्वस्तिक भी होगा।

थोड़ी-थोड़ी दूरी पर हाथी, मोर, और कमल के प्रतीक फूलों का निर्माण किया जाएगा। कलाकारों ने इसके स्केच तैयार किए हैं, जिसमें देशी पुष्प जैसे गेंदा, गुलाब, और गुड़हल का उपयोग किया जाएगा। रंगों का प्रयोग न करने का निर्णय श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का है। इसके तहत रंगोली सजाने का होमवर्क पूरा किया गया है। सोमवार की शाम ट्रस्टी डॉ. अनिल कुमार मिश्र और मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल राव ने दीपोत्सव, रंगोली, और मंदिर के संपूर्ण क्षेत्र को सजाने की समीक्षा की, और तय किया कि सभी मंडपों में फूलों की रंगोली बनाई जाएगी।

दीप सज्जित करने के लिए स्वयंसेवकों की टोलियां बनीं

अयोध्या: दीपोत्सव के आयोजन के लिए मंदिर में विशेष टोलियां बनाई गई हैं। लगभग एक हजार स्वयंसेवकों की विभिन्न टोलियां तैनात की जाएंगी, जिन्हें दीप सज्जित करने और उन्हें प्रज्वलित करने के स्थान की जानकारी दी गई है। गर्भगृह में विशिष्ट प्रकार के शीशे से कवर किए गए दीप जलाए जाएंगे। ट्रस्टी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि दीप प्रज्वलन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

दीपोत्सव श्रृंखला में शामिल होंगे कई ऋषि-मुनियों के आश्रम

अयोध्या में इस बार दीपोत्सव की रौनक और भी बढ़ जाएगी, जब संपूर्ण शहर दीपों की रोशनी से जगमगाएगा। विभिन्न देवालयों और ग्राम पंचायतों के अमृत सरोवरों के साथ-साथ सरयू और तमसा तट पर स्थित कई ऋषि-मुनियों के आश्रम भी इस विशेष समारोह का हिस्सा बनेंगे।

पर्यटन विभाग ने इन स्थलों पर दीप जलाने के लिए सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की है और संयोजकों की नियुक्ति भी कर दी है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अवधेश पांडेय बादल ने कुछ स्थलों के नाम सूची में न देखकर शिकायत की थी, जिसके बाद पर्यटन विभाग ने इन्हें दीपोत्सव में शामिल करने की स्वीकृति दे दी।

इन विशेष स्थलों में पूरा का मांडवीधाम, महर्षि विश्वामित्र की तपोस्थली, वाल्मीकि आश्रम, पाराशर मुनि का आश्रम, श्रृंगी ऋषि आश्रम, और महादेवा घाट शामिल हैं। जिम्मेदारियों का आवंटन इस प्रकार किया गया है:

मंडवीधाम: दीपेंद्र सिंह

महर्षि विश्वामित्र तपोस्थली: दान बहादुर सिंह

वाल्मीकि आश्रम: सत्यनारायण सिंह

पाराशर मुनि आश्रम: विनोद दुबे

श्रृंगी ऋषि आश्रम: ध्रुव गुप्त

महादेवा घाट: विजय लक्ष्मी (नगर पंचायत गोसाईंगंज)

रमपुरवा देव सरोवर: सुमित तिवारी

पुनहद स्थित पुण्य हरि: शेषमणि तिवारी

गौराघाट: शिवम सिंह

मां कामाख्या देवी मंदिर: आलोक मिश्र

विशुन बाबा धार्मिक स्थल: शैलेंद्र पांडेय

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