कर्नाटक में कन्नड़ भाषा के समर्थन में विभिन्न संगठनों द्वारा आहूत 12 घंटे के राज्यव्यापी बंद का असर शनिवार को कई इलाकों में देखने को मिला। बस सेवाएं बाधित रहीं, कई स्थानों पर प्रदर्शन हुए और सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई।
बेंगलुरु: कर्नाटक के बेलगावी में पिछले महीने एक सरकारी बस कंडक्टर पर कथित तौर पर मराठी भाषा नहीं आने के कारण हुए हमले के विरोध में कन्नड़ समर्थक समूहों ने शनिवार को 12 घंटे के राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया। इस बंद के तहत राज्य के कई हिस्सों में कन्नड़ समर्थक संगठनों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने दुकानदारों से सहयोग की अपील करते हुए इस मुद्दे पर समर्थन देने का आग्रह किया।
बस सेवाओं पर असर, यात्रियों को दिक्कतें
बंद के कारण कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) और बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (BMTC) की बस सेवाओं पर असर पड़ा। कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने बस चालकों और कंडक्टरों से सेवाएं बंद करने की अपील की, जिससे यात्री असमंजस में रहे। बेंगलुरु के मैजेस्टिक बस स्टैंड और मैसूरू में बसें रोकने की घटनाएं सामने आईं, जिसके चलते पुलिस को प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना पड़ा।
बेलगावी, जहां मराठी भाषी आबादी अच्छी-खासी संख्या में है, वहां बंद का अधिक प्रभाव देखने को मिला। सीमावर्ती इलाकों में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रभावित रहीं और महाराष्ट्र से कर्नाटक आने-जाने वाली बसों की संख्या में कमी आई। यह बंद हाल ही में एक बस कंडक्टर पर मराठी भाषा नहीं बोल पाने के कारण हुए कथित हमले के विरोध में बुलाया गया था।
कन्नड़ समर्थकों का विरोध प्रदर्शन जारी
बेंगलुरु में कन्नड़ समर्थकों ने मैसूरू बैंक चौक और केएसआरटीसी बस स्टैंड पर नारेबाजी की और रैलियां निकालीं। प्रदर्शनकारियों ने दुकानदारों से समर्थन की अपील की, लेकिन अधिकांश व्यवसाय सामान्य रूप से खुले रहे। मैसूरू में भी कुछ जगहों पर कार्यकर्ताओं ने बसों को रोकने की कोशिश की, जिसके चलते पुलिस को कड़ी निगरानी रखनी पड़ी।
बंद के मद्देनजर पुलिस ने पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की है। बेंगलुरु में 60 कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस (KSRP) टुकड़ियां और 1200 होमगार्ड की तैनाती की गई है। पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद ने स्पष्ट किया कि बंद के नाम पर किसी को जबरन शामिल करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार की अपील
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, "हम राज्य के हितों की रक्षा करेंगे, लेकिन कानून-व्यवस्था भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मुझे नहीं लगता कि बंद की कोई जरूरत थी।" उन्होंने लोगों से किसी भी प्रकार की हिंसा से बचने और प्रशासन का सहयोग करने का आग्रह किया।
बेंगलुरु के उपायुक्त जगदीश जी ने बताया कि स्कूल और कॉलेजों में अवकाश घोषित नहीं किया गया है। मेडिकल स्टोर, अस्पताल, एम्बुलेंस सेवाएं, पेट्रोल पंप और मेट्रो सेवाएं सामान्य रूप से चालू रहीं। हालांकि, कुछ निजी स्कूलों ने एहतियातन छुट्टी देने का फैसला किया।
क्या है विवाद की जड़?
हाल ही में बेलगावी में एक बस कंडक्टर पर मराठी न बोल पाने के कारण हुए हमले के बाद यह मुद्दा तूल पकड़ गया। इसके अलावा, एक अन्य मामले में पंचायत अधिकारियों को मराठी में बात न करने के लिए प्रताड़ित किया गया था। इन घटनाओं के विरोध में कन्नड़ समर्थक समूहों ने बंद का आह्वान किया था। बंद का प्रभाव क्षेत्रवार भिन्न रहा। जहां कुछ शहरों में सार्वजनिक जीवन प्रभावित हुआ, वहीं बेंगलुरु, मैसूरू और दावणगेरे के अधिकांश इलाकों में व्यवसाय सामान्य रूप से चलते रहे।