भागलपुर की रहने वाली मानवी मधु कश्यप ने इतिहास रचते हुए देश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा बनके दिखाया हैं। दारोगा भर्ती का रिजल्ट देखकर मानवी मधु कश्यप ने कहां कि मुझे बिहार SI में सेलेक्शन होने पर बहुत खुशी हो रही है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अपने गुरु रहमान सर का बहुत-बहुत धन्यवाद किया।
पटना/भागलपुर: बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (बीपीएसएससी) ने मंगलवार (9 जुलाई) शाम को बिहार पुलिस अवर निरीक्षक प्रतियोगिता परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी किया था। शारीरिक दक्षता, शैक्षणिक योग्यता, आयु और आरक्षण के आधार पर तीन हजार 727 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। इनमें से 1,275 अभ्यर्थी अंतिम सूची क्वालीफाई हुए हैं। बता दें इस रिजल्ट में तीन ट्रांसजेंडर भी सफल हुए हैं। बिहार के बांका की रहने वालीं मानवी मधु कश्यप इस परीक्षा में सफलता हासिल करके देश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा बन गईं हैं। बता दें कि तीन ट्रांसजेंडरों में दो ट्रांसमेन और मानवी मधु कश्यप अकेली ट्रांसवुमेन दरोगा बनी हैं।
सीएम नीतीश कुमार का किया धन्यवाद
Subkuz.com की जानकारी के मुताबिक रिजल्ट घोषित होने के बाद मानवी मधु कश्यप ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए वीडियो जारी किया जिसमे उसने कहां कि मुझे यह बात बताते हुए बहुत ज्यादा खुशी हो रही है कि मेरा बिहार SI में सेलेक्शन हो गया है। उन्होंने कहां कि मैं अपनी इस सफलता के लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, अपने गुरु रहमान खान सर और माता-पिता का तह दिल से धन्यवाद करती हूं।
मानवी ने कहां - यहां तक पहुंचना काफी कठिन था
मानवी मधु कश्यप ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपने संघर्ष के बारे में बताया। उन्होंने कहां कि यहां तक पहुंचना उनके लिए काफी कठिनाइयों भरा हुआ था। मानवी ने कहां कि मेरे लिए यह सफर मुश्किल था। लेकिन मेरे माता-पिता और गुरु ने मेरा हमेशा सपोर्ट किया। जिसकी बदौलत में यहां तक पहुंच पाईं हूं। बता दें कि मानवी मधु के पिता नरेंद्र प्रसाद का स्वर्गवास होने के बाद घर में बड़ी होने के नाते परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई थी। लेकिन उन्होंने जिम्मेदारी के कारण अपने सपने को मरने नहीं दिया।
मानवी मधु कश्यप बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा एसएस संपोषित हाई स्कूल पंजवारा में पूरी हुई। जबकि प्लस टू की पढाई सीएनडी कॉलेज से और सत्र 2018-21 में तिलकामांझी यूनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र में स्नातक की डिग्री पूरी की हैं। उन्होंने बताया कि एक छोटे से गांव से यहां तक पहुंचने का सफर बहुत ही कठिन था। वहीँ ट्रांसजेंडर होने की वजह से कई जगहों पर बहुत सारी समस्याओं का भी सामना करना पड़ा।