Success Story: किसान पिता की जमीन बेचनें के बाद, बेटी ने अफसर बनकर किया सपना पूरा, मां-बाप का सीना हुआ गर्व से चौड़ा

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शिक्षा की महत्ता को समझने वाले लोग अक्सर अपनी पूरी जिंदगी इस दिशा में समर्पित कर देते हैं, और कभी-कभी तो इसके लिए अपनी सारी संपत्ति तक लाकर शिक्षा को बढ़ावा देते हैं। यही किया है पूर्णिया जिले के एक साधारण किसान पिता प्रमोद यादव ने। अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए उन्होंने अपनी 10 कट्ठा ज़मीन तक बेच दी। आज उनकी बेटी, ब्यूटी कुमारी ने इस कड़ी मेहनत और बलिदान को सार्थक किया, जब उन्होंने बीपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की और अब वित्तीय प्रशासनिक अधिकारी के पद पर चयनित हो गई हैं।

ब्यूटी कुमारी की सफलता की कहानी

ब्यूटी कुमारी की सफलता केवल उनकी मेहनत का परिणाम नहीं है, बल्कि उनके परिवार के बलिदान और संघर्ष का भी प्रतीक है। वह कहती हैं कि शिक्षा के प्रति उनके परिवार का समर्पण और उनका दृढ़ निश्चय ही उन्हें इस मुकाम तक ले आया है। ब्यूटी कुमारी ने बताया, "मेरे पहले प्रयास में ही बीपीएससी में चयन हो गया और मुझे वित्तीय प्रशासन के पद पर नियुक्ति मिली है। मुझे 112वीं रैंक मिली है, जिससे मेरे परिवार और समाज में बहुत खुशी है।"

ब्यूटी कुमारी की सफलता ने न केवल उनके परिवार का गौरव बढ़ाया, बल्कि उनके पिता प्रमोद यादव का सीना भी गर्व से चौड़ा कर दिया। ब्यूटी कुमारी ने अपने रिजल्ट के दिन की एक खास बात साझा की। उन्होंने बताया, "रिजल्ट के दिन मैं अपने दोस्तों के साथ मथुरा के मंदिर गई थी। भगवान के दर्शन करने के बाद ही मुझे रिजल्ट की खुशखबरी मिली और मैं वहां खुशी से झूमने लगी। मुझे लगता है कि यह मेरी मेहनत और भगवान की कृपा का परिणाम है।"

यूपीएससी का सपना और दो असफलताएं

ब्यूटी कुमारी का यह सफर आसान नहीं था। यूपीएससी की दो असफलताओं के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई जारी रखी। वह कहती हैं, "यूपीएससी में दो बार असफल रही, लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी। मैंने बीपीएससी में पहली बार सफलता हासिल की है, लेकिन मेरा सपना अभी भी यूपीएससी को क्लियर करने का है, और मैं उस दिशा में काम करती रहूंगी।"

किसान पिता का बलिदान

किसान पिता प्रमोद यादव और माता वीणा देवी के लिए बच्चों की शिक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं था। उन्होंने हमेशा अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देने का सपना देखा और इस दिशा में उन्हें हर संभव मदद दी। प्रमोद यादव ने बताया, "हमारे पास सीमित संसाधन थे, लेकिन हमने अपनी बेटी की शिक्षा के लिए अपनी 10 कट्ठा जमीन बेच दी। उस पैसे से ब्यूटी की पढ़ाई का खर्च उठाया।"

प्रमोद यादव कहते हैं, "हमारे लिए शिक्षा का महत्व बहुत बड़ा था। अगर हमारी बेटी शिक्षा में सफल होती है, तो हम समझते हैं कि हमारा बलिदान सार्थक हो गया। आज हमारी बेटी ने जो सफलता प्राप्त की है, वह हमें गर्व महसूस कराती है।"

ब्यूटी कुमारी का संदेश

ब्यूटी कुमारी का कहना है, "मेरे परिवार ने मुझे हमेशा प्रेरित किया कि मेहनत करो, सपने देखो और उन्हें पूरा करने की दिशा में लग जाओ। मैं अपने माता-पिता का आभार व्यक्त करती हूं, जिनकी वजह से आज मैं इस मुकाम पर हूं।"

वह चाहती हैं कि उनका सफर और उनकी सफलता दूसरों के लिए प्रेरणा बने, खासकर उन लोगों के लिए जो शिक्षा को एक महत्वपूर्ण साधन मानते हैं। ब्यूटी कुमारी का कहना है, "शिक्षा केवल व्यक्तिगत विकास का जरिया नहीं है, बल्कि यह समाज में बदलाव लाने का सबसे बड़ा माध्यम है। मुझे उम्मीद है कि मैं एक दिन अपने देश के लिए कुछ बड़ा कर सकूंगी।"

नसीहत

प्रमोद यादव और उनकी बेटी ब्यूटी कुमारी की यह कहानी यह साबित करती है कि शिक्षा का महत्व जानने वाले लोग अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। यह एक प्रेरणा है उन सभी के लिए जो समझते हैं कि मेहनत और संकल्प से कोई भी मुश्किल पार की जा सकती हैं।

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