UPSC Success Story: आज हम बात करेंगे एक ऐसी युवा आईएएस अफसर की जिन्होंने कठिन संघर्ष और निरंतर मेहनत से यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त की। महक जैन, जो यूपीएससी की परीक्षा में तीन बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानीं, ने अपनी तीसरी बार में 17वीं रैंक प्राप्त की और गुजरात कैडर में आईएएस अफसर बनकर अपनी मंजिल को हासिल किया। उनकी सफलता की यह कहानी उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो किसी भी कठिनाई या असफलता के बाद हार मान लेते हैं।
तीसरी बार में मिली सफलता
महक जैन का यूपीएससी का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था। महक ने इस यात्रा को तीन बार के प्रयासों में तय किया। पहले दो प्रयासों में वह यूपीएससी प्रीलिम्स में भी सफल नहीं हो पाई थीं, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय अपनी कमियों का विश्लेषण किया और उन पर काम किया। उन्होंने यूपीएससी के पुराने पेपर हल करने शुरू किए और प्रतिदिन अभ्यास करना जारी रखा। इस संघर्ष और सुधार के बाद, महक को तीसरे प्रयास में सफलता मिली और उन्होंने 2021 की यूपीएससी परीक्षा में शानदार 17वीं रैंक हासिल की। उनकी मेहनत और समर्पण का फल उन्हें गुजरात कैडर में पोस्टिंग के रूप में मिला।
दिल्ली विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया से शिक्षा
महक जैन का जन्म फरीदाबाद में हुआ और उनका परिवार हमेशा से शिक्षा के प्रति समर्पित रहा। उनके पिता एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं, जबकि उनकी मां गृहिणी हैं। महक की बड़ी बहन सीए हैं, जो हमेशा उनके लिए प्रेरणा का स्रोत रहीं। महक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा फरीदाबाद से प्राप्त की और इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से बीकॉम किया।
इसके बाद, महक ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट-ग्रेजुएशन की। जामिया में पढ़ाई के दौरान ही महक ने ठान लिया था कि वह सिविल सर्विस में जाएंगी, और इसके लिए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।
कड़ी मेहनत और परिवार का समर्थन
महक जैन की सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और परिवार का समर्थन महत्वपूर्ण कारण हैं। उन्होंने अपनी तैयारी के दौरान ना सिर्फ किताबों का अध्ययन किया, बल्कि पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का अभ्यास भी किया। उनके लिए यह सफर आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
जब यूपीएससी का रिजल्ट आया, तो महक अपने घर से दूर थीं। सबसे पहले उन्होंने अपने पिता को फोन किया और उन्हें खुशखबरी दी कि वह यूपीएससी परीक्षा में सफल हो गई हैं और उनकी 17वीं रैंक आई है। इस खुशखबरी को सुनकर महक भावुक हो गईं और आंसुओं से खुशी का इज़हार किया। महक जैन की सफलता से हमें क्या सीखने को मिलता है?
महक जैन की सफलता से यह स्पष्ट होता है कि अगर आपके भीतर संकल्प और मेहनत करने का जज्बा हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। उनका संघर्ष इस बात का प्रमाण है कि असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें एक अवसर के रूप में देखना चाहिए और उनसे सीखने का प्रयास करना चाहिए।
महक का यह संदेश उन सभी युवाओं के लिए है जो कभी असफल होते हैं और हार मान लेते हैं। उनका मानना है कि सफलता उन्हीं को मिलती है जो अपनी मेहनत में विश्वास रखते हैं और कभी हार नहीं मानते।
महक जैन की सफलता की कहानी एक जीवित उदाहरण है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए। तीसरी बार में यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त करना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है। महक जैन का संघर्ष और उनकी मेहनत आज हर युवा के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी सफलता हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयाँ केवल अस्थायी होती हैं, अगर मेहनत और समर्पण सही दिशा में हो तो हर मुश्किल को पार किया जा सकता हैं।