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चाणक्य की ये बातें आज भी क्यों मानी जाती हैं असरदार? जानिए सोच, दिशा और संयम का राज

चाणक्य की ये बातें आज भी क्यों मानी जाती हैं असरदार? जानिए सोच, दिशा और संयम का राज

आचार्य चाणक्य का नाम भारत के इतिहास में एक ऐसे विद्वान, नीति-निर्माता और कुशल रणनीतिकार के रूप में लिया जाता है, जिनकी नीतियां आज भी उतनी ही असरदार मानी जाती हैं जितनी उस समय थीं.

चाणक्य ने समाज, राजनीति, शिक्षा और व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी कई बातें अपने ग्रंथ ‘चाणक्य नीति’ में लिखी हैं. इन बातों में जीवन को सही दिशा देने की क्षमता है. उनका मानना था कि सफलता सिर्फ मेहनत से नहीं, बल्कि सही सोच, दिशा और समय के सदुपयोग से भी मिलती है.

समय की कद्र करना जरूरी है

चाणक्य नीति में समय को सबसे कीमती संपत्ति बताया गया है. आचार्य का कहना था कि जो व्यक्ति समय की कद्र करता है, वह जीवन में कभी पीछे नहीं रहता.

उनका स्पष्ट मानना था कि समय निकलने के बाद दोबारा हाथ नहीं आता. ऐसे में हर कार्य को समय के अनुसार करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति समय की कद्र नहीं करता, वह जीवन में अवसरों को खो देता है.

अपने फैसले खुद लेने चाहिए

आचार्य चाणक्य का यह विचार भी जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है कि जो फैसले सीधे आपकी जिंदगी से जुड़े हैं, उन्हें स्वयं लेना चाहिए. उन्होंने कहा था कि कई बार दूसरे लोग आपकी भलाई का दिखावा करते हैं, लेकिन उनके मन में आपके लिए कुछ और होता है. इसलिए जीवन में कौन-सा रास्ता चुनना है, ये निर्णय आपको स्वयं लेना चाहिए.

फैसलों में आत्मनिर्भरता ही व्यक्ति को मजबूत बनाती है.

सही और गलत लोगों की पहचान जरूरी

चाणक्य नीति में संगति का विशेष महत्व बताया गया है. चाणक्य ने कहा था कि जैसे दूध में नींबू डालते ही वह फट जाता है, वैसे ही गलत संगति व्यक्ति के चरित्र और जीवन को खराब कर देती है. इसलिए किसके साथ उठना-बैठना है, किसे अपना मित्र बनाना है और किससे दूरी रखनी है, इसकी पहचान बहुत जरूरी है.

चाणक्य ने यह भी कहा कि यदि किसी व्यक्ति के पास सच्चे मित्र हैं, तो वह किसी भी स्थिति में अकेला महसूस नहीं करता.

ज्ञान से बड़ी कोई दौलत नहीं

आचार्य चाणक्य ने ज्ञान को जीवन की सबसे बड़ी पूंजी बताया है. उन्होंने कहा था कि धन तो कोई छीन सकता है, लेकिन ज्ञान को कोई नहीं छीन सकता. यदि कोई व्यक्ति ज्ञानी है, तो वह अपने जीवन में किसी भी स्थिति से निपटने की शक्ति रखता है.

उन्होंने यह भी कहा कि विद्या वह हथियार है जो बिना चोट पहुंचाए जीवन की हर लड़ाई में विजय दिलाती है. इसलिए व्यक्ति को हमेशा ज्ञान अर्जित करते रहना चाहिए.

सफलता का रास्ता सोच-समझ कर चुनें

चाणक्य नीति में यह बात बार-बार दोहराई गई है कि केवल मेहनत से सफलता नहीं मिलती, उसके लिए सोच-समझ और दिशा भी जरूरी है. आचार्य चाणक्य ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर आप दिशा गलत चुनते हैं, तो मंजिल कभी नहीं मिलेगी, चाहे आप कितनी भी मेहनत क्यों न करें.

उनके अनुसार, लक्ष्य की ओर बढ़ते समय मार्गदर्शन, रणनीति और विवेक बहुत महत्वपूर्ण होता है.

आत्म-संयम से ही मिलती है शक्ति

चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में आत्म-संयम को व्यक्ति की सबसे बड़ी शक्ति बताया है. उन्होंने लिखा है कि जो अपनी इंद्रियों और मन को वश में कर लेता है, वह संसार पर राज कर सकता है. उनका मानना था कि यदि व्यक्ति का मन शांत है और वह लालच या गुस्से से दूर है, तो कोई भी परिस्थिति उसे हिला नहीं सकती.

इसलिए जीवन में आत्म-नियंत्रण की भूमिका को उन्होंने सबसे ऊपर रखा.

गुप्त बातों को गुप्त रखना चाहिए

चाणक्य नीति में यह भी बताया गया है कि अपने निजी और महत्वपूर्ण विचारों या योजनाओं को हर किसी से साझा नहीं करना चाहिए. चाणक्य ने लिखा है कि चार बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए – घर की समस्या, आय का स्रोत, पारिवारिक झगड़े और व्यक्तिगत योजनाएं.

ऐसी बातें सार्वजनिक करने से नुकसान हो सकता है, इसलिए विवेक से काम लेना जरूरी है.

कठिन समय में धैर्य रखें

चाणक्य के अनुसार, संकट का समय व्यक्ति की असली परीक्षा होती है. ऐसे समय में घबराना नहीं चाहिए बल्कि धैर्य और बुद्धि से काम लेना चाहिए.

उनकी नीति कहती है कि जो व्यक्ति कठिनाइयों से डर जाता है, वह जीवन में आगे नहीं बढ़ पाता. लेकिन जो व्यक्ति समझदारी और संयम से हर स्थिति का सामना करता है, वह निश्चित रूप से आगे बढ़ता है.

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