बीजापुर के गंगालूर इलाके में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। ऑपरेशन के दौरान एक नक्सली ढेर हो गया। डीआरजी और एसटीएफ की टीमें इलाके में तलाशी अभियान चला रही हैं।
Chhattisgarh Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक बार फिर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की खबर है। यह मुठभेड़ बुधवार 06 अगस्त 2025 को गंगालूर थाना क्षेत्र के जंगलों में हुई, जहां डीआरजी (District Reserve Guard) और एसटीएफ (Special Task Force) की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। जंगल में माओवादियों की पुख्ता सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने यह ऑपरेशन शुरू किया।
दोनों ओर से हो रही है ताबड़तोड़ फायरिंग
पुलिस सूत्रों के अनुसार मुठभेड़ के दौरान दोनों ओर से लगातार फायरिंग हो रही है। अब तक की जानकारी के अनुसार, एक नक्सली मारा गया है और उसके पास से हथियार भी बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ स्थल पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है और अभियान अभी भी जारी है।
घटनास्थल से बरामद हुआ नक्सली का शव
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि जंगल के जिस इलाके में ऑपरेशन चलाया जा रहा है, वह नक्सलियों का सक्रिय क्षेत्र माना जाता है। उन्होंने कहा कि घटनास्थल से एक नक्सली का शव और हथियार बरामद हुए हैं। मुठभेड़ अभी जारी है, इसलिए अंतिम स्थिति की पुष्टि नहीं की जा सकती।
अभियान में तेजी, आगे भी हो सकते हैं खुलासे
इस मुठभेड़ को नक्सल विरोधी अभियान का अहम हिस्सा माना जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि इस कार्रवाई में और भी नक्सलियों के मारे जाने की संभावना है। सुरक्षाबल पूरे इलाके की गहन तलाशी ले रहे हैं। इस अभियान की सफलता से इलाके में नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगने की उम्मीद की जा रही है।
अब तक 2025 में 227 नक्सली मारे गए
पुलिस आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक छत्तीसगढ़ में कुल 227 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें से अधिकांश बस्तर संभाग से हैं। राज्य सरकार और केंद्रीय बलों द्वारा संयुक्त रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे नक्सलियों के नेटवर्क पर लगातार चोट पहुंचाई जा रही है।
स्थानीय लोगों से भी अपील
सुरक्षा एजेंसियों ने स्थानीय ग्रामीणों से अपील की है कि वे इस अभियान में सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत नजदीकी पुलिस या प्रशासनिक अधिकारियों को दें। इसके साथ ही ग्रामीणों को यह आश्वासन भी दिया गया है कि उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है और सुरक्षाबल हर स्तर पर सतर्क हैं।