उत्तरकाशी के धराली में हालिया आपदा के बाद केंद्र सरकार की अंतर-मंत्रालयी टीम अगले सप्ताह प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी। यह टीम नुकसान का आकलन कर राहत, बचाव और पुनर्निर्माण की रणनीति बनाएगी।
Uttarakhand: धराली क्षेत्र में हाल ही में हुई जलप्रलय की त्रासदी ने जहां जन-धन की भारी क्षति की, वहीं अब राहत और पुनर्वास के कार्यों को नई गति देने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है। केंद्र की एक अंतर-मंत्रालयी उच्च स्तरीय टीम अगले सप्ताह उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी। यह टीम न केवल क्षति का व्यापक मूल्यांकन करेगी, बल्कि दीर्घकालिक समाधान और आपदा से निपटने की रणनीति पर भी विचार करेगी।
आपदा के बाद केंद्र सरकार की तत्परता
धराली गांव में आई प्राकृतिक आपदा ने कई घरों को जमींदोज कर दिया, सड़कें ध्वस्त हो गईं और लोग बेघर हो गए। इस विनाशकारी घटना के बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से लगातार संपर्क में रहकर हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने आपदा के तुरंत बाद बैठक बुलाकर उत्तराखंड प्रशासन के साथ राहत कार्यों की समीक्षा की।
एनडीएमए के विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्र की ओर से चल रहे राहत प्रयासों की निगरानी की जा रही है और ज़रूरत पड़ने पर संसाधनों की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि धराली के पुनर्निर्माण के लिए केंद्र सरकार पूरी आर्थिक सहायता देने को तैयार है।
केंद्र की टीम में कौन-कौन होगा शामिल?
आगामी सप्ताह उत्तरकाशी पहुंचने वाली केंद्र की टीम में गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय और जल संसाधन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह टीम धराली, हर्षिल और आसपास के अन्य प्रभावित क्षेत्रों में जाकर स्थिति का गहराई से विश्लेषण करेगी और केंद्र सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी।
झील बनी नई चुनौती
धराली हादसे के बाद भागीरथी नदी में अचानक बनी झील एक नई चिंता का कारण बन गई है। मलबे के जमाव से बनी यह झील यदि फटी तो नीचे बसे गांवों के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस झील की स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। जल निकासी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है ताकि कोई अप्रत्याशित दुर्घटना न हो।
उन्होंने कहा, 'सेना और राज्य एजेंसियों की संयुक्त टीम झील के बहाव और जलस्तर पर नज़र बनाए हुए है। विशेषज्ञों द्वारा किए गए निरीक्षण में पाया गया है कि झील से धीरे-धीरे जल निकासी हो रही है, जिससे स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है।'
पुनर्निर्माण कार्यों पर विशेष बल
धराली और उसके आस-पास के गांवों में बुनियादी ढांचे की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए विशेष योजना बनाई जा रही है। केंद्र सरकार प्राथमिकता के आधार पर सड़क, बिजली, पेयजल और आवास की व्यवस्था पर ध्यान दे रही है। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के लिए विशेष निधि भी जारी की जा सकती है।
सामुदायिक भागीदारी को मिलेगा महत्व
प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों के जीवन को सामान्य बनाने में स्थानीय समुदाय की भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्वयंसेवी संगठनों, ग्राम पंचायतों और युवाओं को पुनर्निर्माण कार्यों में जोड़ा जाएगा, जिससे न सिर्फ तेजी आएगी बल्कि लोगों को रोजगार भी मिलेगा।