पंजाब में नशा विरोधी अभियान के तहत विजिलेंस ब्यूरो और पंजाब पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम मजीठिया को उनके अमृतसर स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया गया। बुधवार सुबह शुरू हुई इस बड़ी कार्रवाई के दौरान राज्यभर में 25 ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिनमें मजीठिया से जुड़े 9 स्थान शामिल थे। विजिलेंस ने इसे “युद्ध नशे के विरुद्ध” मुहिम का अहम हिस्सा बताया है।
गिरफ्तारी के बाद बिक्रम मजीठिया ने सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें बेवजह निशाना बनाया जा रहा है ताकि उनकी आवाज को दबाया जा सके। मजीठिया ने बयान दिया, "सरकार मुझे डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन मैं पीछे नहीं हटूंगा।" इस कार्रवाई के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है।
आप विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अपनी ही सरकार की छापेमारी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस ऑपरेशन को अनैतिक करार देते हुए कहा कि सुबह-सुबह किसी के घर पर छापा मारना पारिवारिक गरिमा के खिलाफ है। विधायक ने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस सरकार के वक्त मजीठिया की गिरफ्तारी के दौरान भगवंत मान सरकार ने न तो रिमांड मांगी थी, न पूछताछ की थी और जमानत का भी समर्थन किया था। अब इस तरह की कार्रवाई करना केवल राजनीतिक शिष्टाचार का उल्लंघन नहीं, बल्कि मानवीय गरिमा को भी ठेस पहुंचाना है।
कितना बड़ा नेता हो उसे बख्शा नहीं जाएगा
ड्रग्स केस में बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी पर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है। केजरीवाल ने मजीठिया पर इंटरनेशनल ड्रग्स डीलरों से सांठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि जो मंत्री रहते हुए अपनी गाड़ियों में ड्रग्स डीलर्स को घुमाते थे, उन्हें भी जवाब देना होगा। उन्होंने पंजाब में भगवंत मान सरकार की कार्रवाई की सराहना करते हुए दावा किया कि अगली बार AAP राज्य में 100 से ज्यादा सीटें जीत सकती है।
मेरी आवाज दबाने की हो रही है कोशिश
ड्रग्स केस में गिरफ्तारी के बाद शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया ने विजिलेंस और पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मजीठिया ने दावा किया कि मंगलवार रात को विजिलेंस ने एक फर्जी एफआईआर दर्ज की और बुधवार सुबह अमृतसर स्थित उनके घर में जबरन छापेमारी की गई। उन्होंने इसे आय से अधिक संपत्ति का झूठा केस बताया और कहा कि यह पूरी कार्रवाई सियासी बदले की भावना से की जा रही है।
मीडिया से बातचीत में मजीठिया ने साफ कहा कि जब भगवंत मान सरकार को ड्रग केस में कुछ नहीं मिला, तब अब एक और मनगढ़ंत मामला उनके खिलाफ तैयार किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विजिलेंस की टीम उनके घर में बिना वजह दाखिल हुई, ताकि उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा सके। मजीठिया ने दो टूक कहा, "मैं न तो डरूंगा और न ही सरकार मेरी आवाज़ दबा सकती है।"
पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि वह हमेशा पंजाब के हितों और जनता की भलाई के मुद्दों पर खुलकर बोलते रहे हैं और आगे भी बोलते रहेंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि अंत में सत्य की जीत होगी और मौजूदा सरकार की जनविरोधी मंशा जनता के सामने उजागर होकर रहेगी।
पहले भी गिफ्तार किए जा चुके हैं राजनेता
पंजाब की सियासत में ड्रग्स का मुद्दा नया नहीं है। बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी के बाद यह फिर चर्चा में है, लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब किसी बड़े नेता पर नशीले पदार्थों के नेटवर्क से जुड़े होने का आरोप लगा हो। अक्टूबर 2023 में भी मोहाली के खरड़ इलाके से पूर्व कांग्रेस विधायक और मौजूदा बीजेपी नेता सतकार कौर और उनके ड्राइवर जसकीरत सिंह को 100 ग्राम हेरोइन बेचने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उनके पास से चार वाहन और दिल्ली-हरियाणा की फर्जी नंबर प्लेटें भी बरामद की थीं, जिनका इस्तेमाल ड्रग्स की सप्लाई में किया जा रहा था।
इससे पहले 2014 में पंजाब के पूर्व डीजीपी (जेल) शशिकांत ने ड्रग्स तस्करी को संरक्षण देने वालों की एक लिस्ट जारी कर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी थी। उनकी रिपोर्ट में छह प्रभावशाली नाम सामने आए थे, जिनमें से दो तत्कालीन अकाली-बीजेपी सरकार के मंत्री बताए गए थे। शशिकांत ने साफ तौर पर कहा था कि पंजाब में नशे के कारोबार को राजनीतिक शह मिल रही है और यही वजह है कि राज्य में युवाओं का एक बड़ा तबका इसकी चपेट में आ रहा है।
इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि पंजाब में ड्रग्स नेटवर्क का दायरा केवल अपराधियों तक सीमित नहीं, बल्कि उसकी जड़ें सत्ता और राजनीति तक फैली हुई हैं। हर बार जब किसी बड़े नाम पर कार्रवाई होती है, सियासी बयानबाज़ी तेज हो जाती है, लेकिन नशा तस्करी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई अब भी एक चुनौती बनी हुई है।