Columbus

Navratri 2025: कन्या पूजन में न दें ये 3 चीजें, जाने इसके पीछे की वजह

Navratri 2025: कन्या पूजन में न दें ये 3 चीजें, जाने इसके पीछे की वजह

नवरात्रि 2025 के अवसर पर कन्या पूजन में सात्विक भोजन का विशेष महत्व है। विशेषज्ञों के अनुसार प्याज, बासी भोजन और बाजार से लाया हुआ खाना कन्या पूजन में न दें। घर का बना ताजगी और स्वच्छता वाला भोजन ही माता रानी को प्रसन्न करता है और परिवार पर शुभ प्रभाव डालता है।

Navratri 2025: कन्या पूजन में क्या खिलाएं और क्या नहीं – शारदीय नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन का महत्व अत्यधिक है। इस दौरान पूरे देश में कन्याओं को सम्मानित किया जाता है और सात्विक भोजन परोसा जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्याज, बासी भोजन और बाजार से लाया हुआ खाना कन्या पूजन में न दें। इसके बजाय हलवा, पूरी, खीर, छोले की सब्जी और मौसमी फल जैसे ताजगी और स्वच्छता वाले भोजन ही माता रानी को प्रसन्न करते हैं और पूरे परिवार पर शुभ प्रभाव डालते हैं।

कन्या पूजन में तामसिक भोजन से बचें

कन्या पूजन का भोजन पूरी तरह सात्विक होना चाहिए। सात्विक भोजन का अर्थ है कि इसमें ताजगी, स्वच्छता और पोषण हो, और उसमें तामसिक तत्व शामिल न हों। तामसिक भोजन में प्याज, लहसुन, मांस, अंडा, बासी भोजन और बाजार से लाए गए खाने को शामिल किया जाता है।

तामसिक भोजन मन को अशांत करता है और इसे खाने से आलस्य, क्रोध और नकारात्मक इच्छाओं में वृद्धि होती है। नवरात्रि का उद्देश्य मन और शरीर को शुद्ध करना है, इसलिए इस दौरान तामसिक चीजों का त्याग करना जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि कन्या पूजन में सात्विक भोजन ही माता रानी को प्रसन्न करता है और पूरे परिवार पर शुभ प्रभाव डालता है।

1. प्याज नहीं खिलाना चाहिए

कन्या पूजन में प्याज परंपरागत रूप से वर्जित माना जाता है। इसे तामसिक भोजन का हिस्सा माना जाता है, जो मन में क्रोध, लालच और आलस्य को बढ़ाता है। नवरात्रि के समय मन को शुद्ध और शांत बनाए रखना आवश्यक होता है।

कन्या पूजन के लिए तैयार भोजन में प्याज का प्रयोग न करना इसीलिए जरूरी है। अगर कोई अनजाने में प्याज खिलाता है, तो इसे अशुभ माना जाता है। इससे सिर्फ देवी रुष्ट नहीं होतीं, बल्कि परिवार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए पूजन में प्याज पूरी तरह से न रखने की सलाह दी जाती है।

2. बासी भोजन नहीं खिलाना चाहिए

कन्या पूजन में ताजा और स्वच्छ भोजन ही महत्व रखता है। बासी भोजन न केवल स्वाद और ताजगी में कमी लाता है, बल्कि इसे सात्विक भी नहीं माना जाता। बासी खाना कन्या पूजन के उद्देश्य के विपरीत है, क्योंकि इसका उद्देश्य कन्याओं को प्रसन्न करना और देवी की कृपा प्राप्त करना होता है।

बासी भोजन खिलाने से देवी रुष्ट हो सकती हैं और परिवार पर संकट आ सकता है। इसलिए भोजन हमेशा ताजगी और स्वच्छता के साथ तैयार किया जाना चाहिए। ताजा भोजन से न केवल कन्याओं की प्रसन्नता सुनिश्चित होती है, बल्कि यह घर में सुख, समृद्धि और शांति भी लाता है।

3. बाजार से लाया हुआ भोजन नहीं खिलाना चाहिए

कन्या पूजन में घर का बना भोजन ही सर्वोत्तम माना जाता है। बाजार से लाया हुआ भोजन अक्सर ताजगी और सात्विकता में कम होता है। इसमें प्रिज़र्वेटिव्स या मिश्रित सामग्री हो सकती है, जो पूजन के लिए उचित नहीं मानी जाती।

घर का बना शुद्ध भोजन माता रानी को प्रसन्न करता है और पूजन का शुभ फल देता है। इसके विपरीत, बाजार का खाना या बासी और तामसिक भोजन माता को नाराज कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कन्या पूजन में घर का बनाया हुआ सात्विक भोजन ही उत्तम विकल्प है।

कन्या पूजन में सात्विक भोजन के फायदे

सात्विक भोजन न केवल पूजा के लिए सही होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इसमें ताजगी, पोषण और स्वच्छता होती है। हलवा, पूरी, खीर, छोले की सब्जी और मौसमी फल कन्या पूजन में परंपरागत रूप से शामिल हैं। ये भोजन शरीर और मन दोनों को संतुलित रखते हैं।

सात्विक भोजन से मन शांत रहता है, सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नवरात्रि के दौरान ध्यान और पूजा में मन लगाना आसान होता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि कन्या पूजन में सात्विक भोजन ही माता रानी को प्रसन्न करता है और पूरे परिवार पर शुभ प्रभाव डालता है।

पूजन के दौरान ध्यान रखने योग्य अन्य बातें

  • भोजन हमेशा साफ और स्वच्छ बर्तन में तैयार करें।
  • प्रसाद में मसाले कम रखें और तेल-मसाले वाले तामसिक भोजन से बचें।
  • ताजगी और प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करें, जैसे ताजे फल और मौसमी सब्जियां।
  • पूजा के दौरान और भोजन बनाते समय सकारात्मक और शांत मन की स्थिति रखें।

Leave a comment