कैसे खींचा दिल
उत्तर प्रदेश सरकार ने IFTM Top Resa 2025, पेरिस में अपने विशेष स्टॉल के माध्यम से काननौज की पुरानी इत्र बनाने की कला—DegBhapka तकनीक—को विदेशी मंच पर पेश किया। इस प्रदर्शन से वैश्विक स्तर पर जवाब मिला — कई आगंतुकों ने इस सुगंध कला और “परफ्यूम टूरिज्म” की संभावनाओं में दिलचस्पी दिखाई।
उद्देश्य और महत्व
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का लक्ष्य था यूरोपीय बाजारों के साथ सांस्कृतिक संबंधों को मज़बूत करना और यूपी को एक प्रीमियम पर्यटन स्थल के रूप में पेश करना। इस स्टॉल में काननौज के इत्र, साथ ही वाराणसी, अयोध्या, बुद्ध सर्किट आदि को भी प्रमुखता दी गई। पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि यूरोप के साथ सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना और यूरोपीय पर्यटकों को यूपी की ओर आकर्षित करना इसका मकसद है। इस मेले में DegBhapka तकनीक को देखने आए लोगों ने काफी उत्साह दिखाया, और कई स्पंदकों (stakeholders) ने “perfume tourism” में सहयोग की इच्छा जताई।
अन्य सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक पहलुओं का प्रदर्शन
UP का पविलियन न सिर्फ इत्रपरंपरा बल्कि आध्यात्मिक स्थलों (वाराणसी, अयोध्या, बौद्ध सर्किट) और सांस्कृतिक आकर्षणों (लोक कला, त्योहार) को भी प्रदर्शित कर रहा था। पर्यटन विभाग ने हस्तशिल्प, खाद्य परंपराएँ, स्थानीय उत्पादों (ODOP) आदि को भी शामिल किया।
प्रेरणा और तुलना
कन्नौज को भारत की “perfume capital” कहा जाता है, और इसे अक्सर फ्रांस के Grasse शहर से तुलना की जाती है। इससे पहले, यूपी सरकार ने कन्नौज में FAM (Familiarization) ट्रिप भी आयोजित की थी, जिसमें ट्रैवल
ऑपरेटर, होटल मालिक, इन्फ्लुएंसर्स आदि को इत्र यात्रा के अनुभव कराया गया।