नगर निगम सदन में पार्षदों को बिना जांच के प्रवेश न देने के मुद्दे पर 26 सितंबर को स्थगित की गई सदन की बैठक अब शनिवार को आयोजित की जाएगी। इस बैठक में स्थायी समिति के सदस्य का चुनाव नहीं किया जाएगा। निगम ने सदन की बैठक के लिए जारी कार्यसूची में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि मद संख्या 51 पर चर्चा हो चुकी है।
Delhi MCD Meeting: दिल्ली नगर निगम की बैठक, जो पहले 26 सितंबर को स्थगित की गई थी, आज दोपहर 2 बजे आयोजित की जाएगी। इस बैठक में पार्षदों को बिना जांच के प्रवेश नहीं देने के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। निगम की ओर से जारी कार्यसूची में स्पष्ट किया गया है कि इस बैठक में स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव नहीं किया जाएगा। बैठक में हंगामे की संभावना जताई जा रही है, खासकर जब विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।
चूंकि मद संख्या 51 पर निर्णय लिया जा चुका है और स्थायी समिति के एक सदस्य का चुनाव 27 सितंबर को हो चुका है, जबकि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। बाकी प्रस्ताव पिछले सदन की कार्य सूची के अनुसार ही रखे गए हैं। हालांकि टकराव का विषय हट चुका है, फिर भी शनिवार को सदन की बैठक में हंगामे की पूरी संभावना बनी हुई है। इसके अलावा, पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
दिल्ली MCD की अब तक 30 बैठक
अब तक निगम सदन की लगभग 30 बैठकें हो चुकी हैं। अब देखना होगा कि आखिर दोनों दलों के बीच किस मुद्दे पर संघर्ष होगा। सच तो यह है कि इन 30 बैठकों में से अधिकांश हंगामे की भेंट चढ़ गई हैं। इन बैठकों में टोल कंपनी को काम सौंपने के साथ-साथ मच्छररोधी दवा की खरीदारी समेत 1400 से अधिक प्रस्ताव शामिल हैं। इन प्रस्तावों को सदन के समक्ष मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
इसमें स्थायी समिति के गठन को मंजूरी देने वाला प्रस्ताव भी शामिल है। इस प्रस्ताव के अनुसार, सदस्यों के निर्वाचन के बाद स्थायी समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन का चुनाव भी प्रस्तावित है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्थायी समिति के चेयरमैन के चुनाव पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है, जिससे इस प्रस्ताव के स्थगित होने की संभावना बन गई है।
इससे पहले 26 सितंबर को हुई बैठक
इससे पहले 26 सितंबर को निगम सदन की बैठक बुलाई गई थी। उल्लेखनीय है कि इस बैठक के दौरान आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने निगम सदन में प्रवेश करते समय दिल्ली पुलिस द्वारा जांच किए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया था। पार्षदों का आरोप था कि उनकी गरिमा का उल्लंघन किया जा रहा है। महापौर डॉ. शैली ओबेराय ने पार्षदों को बिना किसी जांच के सदन में प्रवेश करने की अनुमति देने का निर्देश दिया था।
निगम अधिकारियों ने इसे यह कहकर खारिज कर दिया कि स्थायी समिति के सदस्य का चुनाव होने वाला है। इसलिए पार्षदों को बैठक में मोबाइल फोन लाने की अनुमति नहीं दी गई। इस बीच, आप पार्षद सदन के बाहर हंगामा करते रहे। वहीं, भाजपा के पार्षद सदन में मौजूद रहे। महापौर ने पार्षदों को बिना जांच के प्रवेश न देने के कारण सदन की बैठक को स्थगित कर दिया था।
भाजपा पार्षद सुंदर सिंह ने की थी जीत हासिल
जिस पर उपराज्यपाल ने हस्तक्षेप करते हुए 26 सितंबर को सुबह दस बजे तक एक बार फिर बैठक बुलाकर चुनाव कराने का निर्देश दिया। उपराज्यपाल ने कहा था कि बैठक की अध्यक्षता करने के लिए महापौर और उप महापौर से अनुरोध करें। यदि दोनों बैठक की अध्यक्षता करने से इनकार करते हैं, तो सदन में उपस्थित सबसे वरिष्ठ पार्षद को सदन की बैठक की अध्यक्षता करने के लिए कहा जाएगा।
एलजी के आदेश के बाद, तीनों ने बैठक की अध्यक्षता करने से मना कर दिया। इसके बाद, एलजी ने फिर से आदेश दिए कि 27 तारीख को एक बजे सदन की बैठक बुलाई जाए और अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र यादव बैठक की अध्यक्षता निर्वाचन अधिकारी के रूप में करें। 27 को हुई इस बैठक में स्थायी समिति के सदस्य पद के लिए चुनाव कराया गया, जिसमें भाजपा पार्षद सुंदर सिंह ने जीत हासिल की।